Friday, August 15, 2008

India after 61 years of Independence !!

- 77% people in India live below Rs.20/- per day

- 30 crores people living below Rs.12/- per day

- 50% Children below the age of 5 are suffering from Malnutrition.

- Every year more than 1 crore people die due to non–availability of potable water.

- 30% food grain is lost every year due to mismanagement.

- To do legal things people have to do illegal things.

- We are the 74th most corrupt nation in the world.

source:http://www.brsp.org/faq.htm

Wednesday, August 6, 2008

मेरे यूरोप यात्रा की झलकियाँ: बेल्जियम तथा फ्रांस

अब हमने द हेग से ४ घंटे की दूरी पर स्थित बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स की ओर रूख किया । ब्रसेल्स स्थित नाटो मुख्यालय हमारा अगला पड़ाव था। काफी सख्त सुरक्षा जॉच के पश्चात हमने नाटो परिसर में प्रवेश किया। यहॉं पर हमे तीन प्रमुख बिंदुओं पर सम्बोधित किया गया-
१। बूचारेस्ट सम्मेलन के पश्चात नाटो का रूख,
२। भागीदार देशों तथा अन्य भागीदारों के साथ नाटों के संबंध तथा
३। नाटो की विभिन्न कार्यवाही।
नाटो की स्थापना १९४९ में हुई थी तथा वर्तमान में इसके ६० सदस्य देश है। द्वितीय विश्व युद्व के पश्चात यह पश्चिमी सैन्य संगठन बनाया गया। नाटों में सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाते है। विश्व में शांति की स्थापना के लिए ३० राष्ट्रों के साथ भागीदारी कर रहें है। अफगानीस्तान में शांति स्थापना करने के लिए संगठन काफी बडे क्षेत्र में कार्य रहा है। नाटो ने न सिर्फ राजनैतिक तथा सैन्य वरन बहुत से भौगोलिक समस्याओं जैसे जलवायु परिवर्तन, जल प्रबंधन तथा ऊर्जा संरक्षण जैसे मुद्दों को गंभीरता से प्रचारित कर रहा है। अगर नाटों की तुलना संयुक्त राष्ट्र संघ से की जाए तो नाटो अधिक सख्त तथा कारगार है क्योंकि नाटो के पास निजी सैन्य क्षमता है।

ब्रसेल्स में ३ घंटे व्यतीत करने पश्चात हम अपने अगले पड़ाव दुनिया के सबसे खूबसूरत शहर फ्रांस की राजधानी पेरिस की ओर निकल पड़े । शाम होते-होते हम पेरिस में थे लेकिन तभी हमें पता चला कि अपरिहार्य कारणों से यूनेस्कों में हमारा तयशुदा मुलाकात का कार्यक्रम रद्द हो गया है । अब हमारे पास पेरिस की खूबसूरती देखने के लिए एक पूरा दिन था । शाम को शहर घूमतें हुए हमें एक भारतीय रेस्टोरेन्ट के दर्शन हुए तो हम अपनें-आप को रोक नही पाए। अंदर जाकर पता चला कि उसके संचालक पाकिस्तान के लाहौर के है। हमारा परिचय जानकर वे भी काफी प्रसन्न हुए। अपने लजीज व्यंजनों से उन्होनें हमारा मन प्रसन्न कर दिया तथा अंत में सूखें मेवे तथा सौफ खिलाना भी नही भूले। अगले दिन सुबह से हम पेरिस भ्रमण के लिए निकल पड़े। विश्व प्रसिद्व एफिल टावर, लूर संग्रहालय तथा नाटरडेम चर्च जैसी जगहों पर जाकर समय कैसे निकल गया पता ही नहीं चला। एफिल टावर में १००० फीट की ऊंचाई से पेरिस को दंेखना अद्वितीय आंनद प्रदान करता है। नीचे आने के पश्चात जगमगाते रोशनी में एफिल टावर की सुंदरता को देखकर हमारा मन प्रफुल्लित हो गया। इस नयनाभिराम वातावरण में कुछ पंजाबी भाई भारतीय चाय और समोसा बेचते मिल गए जिन्होंने हमारा मजा दुगना कर दिया। फ्रांस के लोग अंग्रेज तथा अंग्रेजी से दूर रहना पसंद करते हैं। वे बोलचाल में फ्रेंच भाषा का उपयोग करते हैं।