Fashion + Style + Acting = Feroz Khan, the one and only Indian Cow Boy Hero!!!
An Actor who always remained ahead of his times in Indian Film Industry.
Homage to the Great actor who entertained us till his last breath !!!
Be The Change..
Monday, April 27, 2009
Monday, March 2, 2009
Lessons From SLUMDOG MILLIONAIRE !!
Finally the wait for Global recognition in cinema is over for India. 8 Oscar Award winner movie Slumdog Millionaire has done it for India. A movie which was going to be released on DVDs only, is now running in cinema halls of even small towns as Slumdog Crorepati. Lot of people are questioning whether its the recognition for India or the British Crew behind the film. Whatever, but the point here is that this film has given global identity to Indian cinema and of course to Indian Music. Hatts off to A.R. Rehman and Gulzar sahab for producing such a wonderful track for the movie along with Russel Pokkutti for sound designing. Many people have put allegations of selling the poverty of India. Ya, Very true, it exists in our country and there is nothing wrong in putting it on Silver screen. We in our daily life dont want to face these realities and thats why it hurts when it comes before our eyes. We along with our responsible politicians should accept that there is poverty and BEGGING INDUSTRY exists in our country. The movie again is an eye-opener. As far as the plot of the movie is concerned it is full of coincidences. The hero of the movie knows the answer of all the questions of KBC because coincidently he had experienced some incidents linked to those questions. That may seem funny to many but the way this movie has been picturised is really credible and full marks for that to Director Danny Boyle, the captain of the ship !!
U may find the plot of LAGAN more realistic than this movie and the issue addressed in TAARE ZAMIN PAR more relevant but both the movies didnt win OSCARS. We should be proud of these movies and accept the fact that just not winning OSCARS cannot bring down the glory of Indian movies. Hundreds of technicians are involved in making a movie and when there efforts come together perfectly, a MAGIC happens and it has happened with SLUMDOG MILLIONAIRE. We must respect this magic and accept with a big heart !!
Tuesday, October 7, 2008
What Does Quran say on Jihad !!
I was going through one of the writings of Mr Asghar Ali Engineer about most discussed topic JIHAD. I found it very interesting and so like to share few interesting points. 1. Jihad does not mean war in Quran as there are other words for it like qital and harb.
2. Jihad has been used in the Quran in its root meaning i.e. to strive and to strive for betterment of society, to spread goodness (maruf) and contain evil (munkar).
3. The word Jihad occurs in the Quran 41 times though not a single verse uses it in the sense of war.
4. There are four most fundamental values in the Quran i.e. justice, benevolence, compassion and wisdom. The words compassion and mercy in their various forms occur in the Quran 335 times as against only 41 for Jihad.
5. There is no word like Jihadi in the Arabic Language. It is infact 'Mujahid' and it is used in a laudatory sense-one who devotes himself to a good cause like fighting against social evils.
The Prophet said that the " ink of a scholar is superior to the blood of the martyr" !!
2. Jihad has been used in the Quran in its root meaning i.e. to strive and to strive for betterment of society, to spread goodness (maruf) and contain evil (munkar).
3. The word Jihad occurs in the Quran 41 times though not a single verse uses it in the sense of war.
4. There are four most fundamental values in the Quran i.e. justice, benevolence, compassion and wisdom. The words compassion and mercy in their various forms occur in the Quran 335 times as against only 41 for Jihad.
5. There is no word like Jihadi in the Arabic Language. It is infact 'Mujahid' and it is used in a laudatory sense-one who devotes himself to a good cause like fighting against social evils.
The Prophet said that the " ink of a scholar is superior to the blood of the martyr" !!
Friday, August 15, 2008
India after 61 years of Independence !!
- 77% people in India live below Rs.20/- per day
- 30 crores people living below Rs.12/- per day
- 50% Children below the age of 5 are suffering from Malnutrition.
- Every year more than 1 crore people die due to non–availability of potable water.
- 30% food grain is lost every year due to mismanagement.
- To do legal things people have to do illegal things.
- We are the 74th most corrupt nation in the world.
source:http://www.brsp.org/faq.htm
- 30 crores people living below Rs.12/- per day
- 50% Children below the age of 5 are suffering from Malnutrition.
- Every year more than 1 crore people die due to non–availability of potable water.
- 30% food grain is lost every year due to mismanagement.
- To do legal things people have to do illegal things.
- We are the 74th most corrupt nation in the world.
source:http://www.brsp.org/faq.htm
Wednesday, August 6, 2008
मेरे यूरोप यात्रा की झलकियाँ: बेल्जियम तथा फ्रांस
अब हमने द हेग से ४ घंटे की दूरी पर स्थित बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स की ओर रूख किया । ब्रसेल्स स्थित नाटो मुख्यालय हमारा अगला पड़ाव था। काफी सख्त सुरक्षा जॉच के पश्चात हमने नाटो परिसर में प्रवेश किया। यहॉं पर हमे तीन प्रमुख बिंदुओं पर सम्बोधित किया गया-
१। बूचारेस्ट सम्मेलन के पश्चात नाटो का रूख,
२। भागीदार देशों तथा अन्य भागीदारों के साथ नाटों के संबंध तथा
३। नाटो की विभिन्न कार्यवाही।
नाटो की स्थापना १९४९ में हुई थी तथा वर्तमान में इसके ६० सदस्य देश है। द्वितीय विश्व युद्व के पश्चात यह पश्चिमी सैन्य संगठन बनाया गया। नाटों में सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाते है। विश्व में शांति की स्थापना के लिए ३० राष्ट्रों के साथ भागीदारी कर रहें है। अफगानीस्तान में शांति स्थापना करने के लिए संगठन काफी बडे क्षेत्र में कार्य रहा है। नाटो ने न सिर्फ राजनैतिक तथा सैन्य वरन बहुत से भौगोलिक समस्याओं जैसे जलवायु परिवर्तन, जल प्रबंधन तथा ऊर्जा संरक्षण जैसे मुद्दों को गंभीरता से प्रचारित कर रहा है। अगर नाटों की तुलना संयुक्त राष्ट्र संघ से की जाए तो नाटो अधिक सख्त तथा कारगार है क्योंकि नाटो के पास निजी सैन्य क्षमता है।
ब्रसेल्स में ३ घंटे व्यतीत करने पश्चात हम अपने अगले पड़ाव दुनिया के सबसे खूबसूरत शहर फ्रांस की राजधानी पेरिस की ओर निकल पड़े । शाम होते-होते हम पेरिस में थे लेकिन तभी हमें पता चला कि अपरिहार्य कारणों से यूनेस्कों में हमारा तयशुदा मुलाकात का कार्यक्रम रद्द हो गया है । अब हमारे पास पेरिस की खूबसूरती देखने के लिए एक पूरा दिन था । शाम को शहर घूमतें हुए हमें एक भारतीय रेस्टोरेन्ट के दर्शन हुए तो हम अपनें-आप को रोक नही पाए। अंदर जाकर पता चला कि उसके संचालक पाकिस्तान के लाहौर के है। हमारा परिचय जानकर वे भी काफी प्रसन्न हुए। अपने लजीज व्यंजनों से उन्होनें हमारा मन प्रसन्न कर दिया तथा अंत में सूखें मेवे तथा सौफ खिलाना भी नही भूले। अगले दिन सुबह से हम पेरिस भ्रमण के लिए निकल पड़े। विश्व प्रसिद्व एफिल टावर, लूर संग्रहालय तथा नाटरडेम चर्च जैसी जगहों पर जाकर समय कैसे निकल गया पता ही नहीं चला। एफिल टावर में १००० फीट की ऊंचाई से पेरिस को दंेखना अद्वितीय आंनद प्रदान करता है। नीचे आने के पश्चात जगमगाते रोशनी में एफिल टावर की सुंदरता को देखकर हमारा मन प्रफुल्लित हो गया। इस नयनाभिराम वातावरण में कुछ पंजाबी भाई भारतीय चाय और समोसा बेचते मिल गए जिन्होंने हमारा मजा दुगना कर दिया। फ्रांस के लोग अंग्रेज तथा अंग्रेजी से दूर रहना पसंद करते हैं। वे बोलचाल में फ्रेंच भाषा का उपयोग करते हैं।
१। बूचारेस्ट सम्मेलन के पश्चात नाटो का रूख,
२। भागीदार देशों तथा अन्य भागीदारों के साथ नाटों के संबंध तथा
३। नाटो की विभिन्न कार्यवाही।
नाटो की स्थापना १९४९ में हुई थी तथा वर्तमान में इसके ६० सदस्य देश है। द्वितीय विश्व युद्व के पश्चात यह पश्चिमी सैन्य संगठन बनाया गया। नाटों में सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाते है। विश्व में शांति की स्थापना के लिए ३० राष्ट्रों के साथ भागीदारी कर रहें है। अफगानीस्तान में शांति स्थापना करने के लिए संगठन काफी बडे क्षेत्र में कार्य रहा है। नाटो ने न सिर्फ राजनैतिक तथा सैन्य वरन बहुत से भौगोलिक समस्याओं जैसे जलवायु परिवर्तन, जल प्रबंधन तथा ऊर्जा संरक्षण जैसे मुद्दों को गंभीरता से प्रचारित कर रहा है। अगर नाटों की तुलना संयुक्त राष्ट्र संघ से की जाए तो नाटो अधिक सख्त तथा कारगार है क्योंकि नाटो के पास निजी सैन्य क्षमता है।
ब्रसेल्स में ३ घंटे व्यतीत करने पश्चात हम अपने अगले पड़ाव दुनिया के सबसे खूबसूरत शहर फ्रांस की राजधानी पेरिस की ओर निकल पड़े । शाम होते-होते हम पेरिस में थे लेकिन तभी हमें पता चला कि अपरिहार्य कारणों से यूनेस्कों में हमारा तयशुदा मुलाकात का कार्यक्रम रद्द हो गया है । अब हमारे पास पेरिस की खूबसूरती देखने के लिए एक पूरा दिन था । शाम को शहर घूमतें हुए हमें एक भारतीय रेस्टोरेन्ट के दर्शन हुए तो हम अपनें-आप को रोक नही पाए। अंदर जाकर पता चला कि उसके संचालक पाकिस्तान के लाहौर के है। हमारा परिचय जानकर वे भी काफी प्रसन्न हुए। अपने लजीज व्यंजनों से उन्होनें हमारा मन प्रसन्न कर दिया तथा अंत में सूखें मेवे तथा सौफ खिलाना भी नही भूले। अगले दिन सुबह से हम पेरिस भ्रमण के लिए निकल पड़े। विश्व प्रसिद्व एफिल टावर, लूर संग्रहालय तथा नाटरडेम चर्च जैसी जगहों पर जाकर समय कैसे निकल गया पता ही नहीं चला। एफिल टावर में १००० फीट की ऊंचाई से पेरिस को दंेखना अद्वितीय आंनद प्रदान करता है। नीचे आने के पश्चात जगमगाते रोशनी में एफिल टावर की सुंदरता को देखकर हमारा मन प्रफुल्लित हो गया। इस नयनाभिराम वातावरण में कुछ पंजाबी भाई भारतीय चाय और समोसा बेचते मिल गए जिन्होंने हमारा मजा दुगना कर दिया। फ्रांस के लोग अंग्रेज तथा अंग्रेजी से दूर रहना पसंद करते हैं। वे बोलचाल में फ्रेंच भाषा का उपयोग करते हैं।
Tuesday, July 29, 2008
आतंकवाद की निंदा या उसका मुकाबला !!
"अहमदाबाद में हुए बम धमाको के बाद प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री ने कड़े शब्दों में निंदा की ! इससे आतंकवादी काफी डर गए होंगे !!" यह वाक्य एक न्यूज़ चैनल में एक दर्शक द्वारा भेजा गया था जिसे पढ़ कर दिमाग यह सोचने पर मजबूर हो जाता है कि १३० करोड़ आबादी वाले इस देश कि सुरक्षा के लिए काम कर रहे खुफिया विभाग को इन हादसों के बारे में क्या कोई पूर्व जानकारी नही होती ? गुप्तचर एजेंसी आईबी के कुल २५,००० जासूस देश के विभिन्न भागो में तैनात हैं फिर भी क्या वजह है कि आतंकवादी एक के बाद एक अलग-अलग शहरों में पूरी तैयारी के साथ यह धमाके कर रहें हैं । अभी FBI के तर्ज़ पर एक नई जाँच एजेंसी बनने के विषय में बात चल रही है लेकिन इससे कितना फायदा होगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। जबकि जानकर यह मानते हैं की अभी भी हमारे खुफिया तंत्र काफ़ी सक्षम है बशर्ते उनका सही तरीके से इस्तेमाल हो। दुश्मन अब सीमा पर से हमला नही करते, वो अब हमारे देश के अन्दर ही मौजूद हैं। भारत के सभी प्रमुख शहर उनके निशाने पर है। हजारो जानो की जिम्मेदारी अब हमारे "भाग्य विधाताओ" पर हैं। अब उन्हें निंदा करने के अलावा कुछ सख्त कदम भी उठाना होगा तभी इन विनाशकारी ताकतों को मुँहतोड़ जवाब दिया जा सकता है।
Saturday, July 26, 2008
मेरे यूरोप यात्रा की झलकियाँ: नीदरलैंड (3)
नीदरलैण्ड जाना जाता है ट्यूलिप फूलों, पवन चक्की तथा जल प्रबंधन के लिए। देश का काफी बड़ा हिस्सा समुद्र तल से नीचे स्थित है जिसके कारण यहॉं जल प्रबंधन के अनूठे मिसाल देखने को मिलते है। हेंग शहर से ५० किमी की दूरी पर स्थित यूरोप के व्यस्तम बंदरगाह रोटरडैम में हमे यही दिखाने ले जाया गया। यह जगह समुद्र तल से ६ मीटर नीचे स्थित है। यूरोप मे माल वाहन के लिए जलमार्ग का उपयोग किया जाता है क्योंकि यह सड़क, रेल तथा वायु मार्ग से किफायती है। बंदरगाह पर कंटेनर की जहाज पर लादने तथा निकालने का सारा तंत्र स्वचालित है। यहॉं बिना ड्राइवर के ट्राली को चलता देखकर सभी आर्श्चयचकित थे। हमारा अगला पड़ाव था हेग स्थित सेवा नेटवर्क जो कि नीदरलैण्ड की जानी मानी सामाजिक संस्था है। संस्था के निदेशक श्री राज भोन्दू ने अपने उद्बोधन में हिन्दू धर्म के नैतिक मूल्यों पर अपने तथा संस्था की निष्ठा को प्रकट किया। उन्होंने कहा कि संस्था अंहिंसा, परस्पर सम्मान तथा विश्व-शांति पर विश्वास करती है। विश्व के कई देशों में कार्यरत यह संस्था भारत में झारखंड के आदिवासी क्षेत्रों में १०० शालाओ का निर्माण कर रही है जिससे करीब १०,००० बच्चे लाभान्वित होंगे। अंत मे हम नीदरलैण्ड के फारेन प्रेस एसोसिएशन से पत्रकारो से रूबरू हुए जिसमें जर्मनी, अमेरीका तथा रोमानिया के प्रतिनिधि मौजूद थें। संक्षिप्त वार्तालाप में हमने वहॉं के पत्रकारिता के स्तर तथा तंत्र को समझने का प्रयास किया।
नीदरलैण्ड में सूरीनामी हिन्दू काफी संख्या में है। उन्होने विदेश में भी अपनी भारतीय संस्कृति को सहेज कर रखा हुआ है। भारत में इनकी जड़े बिहार के भोजपुर क्षेत्र में हैं तथा भोजपुरी में इनकी निपुणता है। इसी वजह से नीदरलैण्ड सरकार ने अभी कुछ ही माह पूर्व मशहूर भोजपुरी अभिनेता तथा गायक मनोज तिवारी के छाया-चित्र वाली ४० सेन्ट का डाक टिकट जारी किया।
नीदरलैण्ड में सूरीनामी हिन्दू काफी संख्या में है। उन्होने विदेश में भी अपनी भारतीय संस्कृति को सहेज कर रखा हुआ है। भारत में इनकी जड़े बिहार के भोजपुर क्षेत्र में हैं तथा भोजपुरी में इनकी निपुणता है। इसी वजह से नीदरलैण्ड सरकार ने अभी कुछ ही माह पूर्व मशहूर भोजपुरी अभिनेता तथा गायक मनोज तिवारी के छाया-चित्र वाली ४० सेन्ट का डाक टिकट जारी किया।
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