Saturday, July 26, 2008

मेरे यूरोप यात्रा की झलकियाँ: नीदरलैंड (3)

नीदरलैण्ड जाना जाता है ट्यूलिप फूलों, पवन चक्की तथा जल प्रबंधन के लिए। देश का काफी बड़ा हिस्सा समुद्र तल से नीचे स्थित है जिसके कारण यहॉं जल प्रबंधन के अनूठे मिसाल देखने को मिलते है। हेंग शहर से ५० किमी की दूरी पर स्थित यूरोप के व्यस्तम बंदरगाह रोटरडैम में हमे यही दिखाने ले जाया गया। यह जगह समुद्र तल से ६ मीटर नीचे स्थित है। यूरोप मे माल वाहन के लिए जलमार्ग का उपयोग किया जाता है क्योंकि यह सड़क, रेल तथा वायु मार्ग से किफायती है। बंदरगाह पर कंटेनर की जहाज पर लादने तथा निकालने का सारा तंत्र स्वचालित है। यहॉं बिना ड्राइवर के ट्राली को चलता देखकर सभी आर्श्चयचकित थे। हमारा अगला पड़ाव था हेग स्थित सेवा नेटवर्क जो कि नीदरलैण्ड की जानी मानी सामाजिक संस्था है। संस्था के निदेशक श्री राज भोन्दू ने अपने उद्बोधन में हिन्दू धर्म के नैतिक मूल्यों पर अपने तथा संस्था की निष्ठा को प्रकट किया। उन्होंने कहा कि संस्था अंहिंसा, परस्पर सम्मान तथा विश्व-शांति पर विश्वास करती है। विश्व के कई देशों में कार्यरत यह संस्था भारत में झारखंड के आदिवासी क्षेत्रों में १०० शालाओ का निर्माण कर रही है जिससे करीब १०,००० बच्चे लाभान्वित होंगे। अंत मे हम नीदरलैण्ड के फारेन प्रेस एसोसिएशन से पत्रकारो से रूबरू हुए जिसमें जर्मनी, अमेरीका तथा रोमानिया के प्रतिनिधि मौजूद थें। संक्षिप्त वार्तालाप में हमने वहॉं के पत्रकारिता के स्तर तथा तंत्र को समझने का प्रयास किया।
नीदरलैण्ड में सूरीनामी हिन्दू काफी संख्या में है। उन्होने विदेश में भी अपनी भारतीय संस्कृति को सहेज कर रखा हुआ है। भारत में इनकी जड़े बिहार के भोजपुर क्षेत्र में हैं तथा भोजपुरी में इनकी निपुणता है। इसी वजह से नीदरलैण्ड सरकार ने अभी कुछ ही माह पूर्व मशहूर भोजपुरी अभिनेता तथा गायक मनोज तिवारी के छाया-चित्र वाली ४० सेन्ट का डाक टिकट जारी किया।

1 comment:

Unknown said...

Rajeev Sahu Jindabaad.
Rajeev sambhalo hamari kaman.